बड़हिया गांव (अब नगर) का साहित्यिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और राजनीतिक इतिहास बिहार के इतिहास में गौरवशाली स्थान रखता है। पतित पावनी गंगा के तट पर बसा हुआ बड़हिया नगर साहित्य, संस्कृति और धर्म का केन्द्र रहा है। छोटे बड़े सौ से ज्यादा देव मंदिर इसी आध्यातिमक चेतना को मुखरित कर रहे है। एक समय बड़हिया रामायणियों का गढ़ माना जाता था। सम्पूर्ण रामचरितामानस को कंठ में धारण करने वाले यहाँ के मनीषी विद्वान कथा वाचको के ज्ञान का लोहा देश के सुप्रसिद्ध मानस मर्मज्ञ विद्वान भी मानते थे।
यहाँ के जिन व्याख्याकारों और प्रवचन कर्ताओं ने मानस के गूढ़ार्थ को उदघाटित कर प्रभूत ख्याति अर्जित की, उनमें स्मृति शेष सरोवर शरण सिंह, रामनाथ सिंह, ब्रहमदेव नारायण सिंह, अच्युतानन्द सिंह, रामनन्दन सिंह, सरयुग प्रसाद सिंह, मुनिद्रका प्रसाद सिंह, नाथो सिंह उर्फ पंडित जी परशुराम भगत आदि के नाम विशेष उल्लेखनीय है। अयोध्या के मानस के अधीती विद्वान सीताराम शरण जी महाराज तो अपने प्रवचनों में यहाँ के रामायणियों की प्रशसा खुले शब्दो में किया करते थे धर्म परायण रामाश्रय बाबू के सत्प्रयास से समय-समय पर देश के स्वानामधन्य विद्वान कथावाचक अपनी ज्ञान गंगा से इस क्षेत्र के लोगों को सींचते रहे है। वर्तमान में मानस कथावाचन की परम्परा को दक्षतापूर्वक सुरेश प्रसाद सिंह आगे बढ़ा रहे है।
साहित्य के भंडार को समृद्ध करने में यहां के साहित्यकारों का प्रशंसनीय योगदान रहा है। बड़हिया के आदि कवि रामरूप शर्मा स्वच्छ थे जो व्रजभाषा में कवित लिखा करते थे। ये मोकामाघाट उच्च विधालय में राष्टकवि रामधारी सिंह दिनकर के सहपाठी थे। श्रीसीताशरण शाही के अनुसार दिनकरजी के साथ इनकी खूब छनती थी। मगर दुर्भाग्यवश इनके द्वारा रचित शताधिक कवित अप्राप्य है। अगर इनके किवत उपलब्ध होते तो व्रजभाषा साहित्य को स्वच्छ जी की देने के संबंध में बहुत कुछ लिखा जा सकता था। परिवार के सदस्यो से सम्पर्क साधने के बावजूद इनकी जन्म तिथि और पुण्य तिथि के संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी।
लोकभाषा मगही में मथुरा प्रसाद नवीन का नाम मगही के शीर्षस्थ कवियो में पांक्तेय है। ये स्याही से नहीं तेजाब से लिखते थे। इन्होने अपनी व्यंब्यात्मक कविताओं के माध्यम से लकवाग्रस्त सामाजिक व्यवस्था औश्र भ्रष्ट राजनीति पर जमकार कशाघात किया है। युवा कवि राममूरत सिंह और चन्द्रदेव प्रसाद भी स्थानीय स्तर पर आयोजित कवि गोष्ठी में अपनी मगही कविताओ से लोगे का मनोरंजन कर रहे है।